Read Moreकर्नाटक हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में यह स्पष्ट किया है कि किसी व्यक्ति की असमय मृत्यु के बाद “लॉस ऑफ कंसोर्टियम” यानी पारिवारिक और भावनात्मक क्षति के लिए केवल जीवनसाथी ही नहीं, बल्कि वयस्क बच्चों को भी मुआवज़ा पाने का अधिकार है। यह निर्णय घातक दुर्घटनाओं के मामलों में कानूनी उत्तराधिकारियों की परिभाषा को […]
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